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रीवड़ी,जैसलमेर में जल्सा-ए- ईसाले षवाब। मौत एक अटल हक़ीक़त।लिहाज़ा आखिरत की तय्यारी करें!…अ़ल्लामा सय्यद पीर नूरुल्लाह शाह बुखारी!17 फरवरी 2022 ईस्वी बरोज़:जुमेरात

रीवड़ी जैसलमेर के साबिक़ सरपंच मरहूम फोटे खान के ईसाले षवाब के लिए एक अ़ज़ीमुश्शान “जल्सा-ए-सिकन्दरी व इस्लाहे मुआ़शरा” का इन्इक़ाद किया गया,जिस में इलाक़े के बहुत से उ़ल्मा-ए-किराम व तालिबाने उ़लूमे नबविया ने शिरकत कर के इज्तिमाई क़ुरआन ख्वावी कर के मरहूम के लिए दुआ़-ए-मग़्फिरत व ईसाले षवाब किया।फिर बाद नमाज़े ज़ुहर तिलावते कलामे रब्बानी से जल्से की शुरूआ़त की गई!दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ और कुछ दीगर इदारों के बच्चों ने नअ़तहा-ए-रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम पेश किया।जब की खुसूसी नअ़त ख्वाँ की हैषियत से क़ारी अमीरुद्दीन साहब सिकन्दरी ने खुसूसी नअ़त ख्वानी का शर्फ हासिल किया।फिर रीवड़ी के क़ाज़ी मौलाना सूफी अ़ब्दुल करीम साहब सिकन्दरी ने इफ्तिताही खिताब किया…आप के बाद दारुल उ़लूम क़ादरिया फैज़े सिकन्दरिया जैलमेर के सदरुलमुदर्रिसीन हज़रत मौलाना शाहमीर साहब सिकन्दरी ने “इस्लाहे मुआशरा” के उ़न्वान पर बहुत ही शान्दार बयान किया…फिर खतीबे हर दिल अ़ज़ीज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी ने सिंधी ज़बान में क़ौम को खिताब किया…बादहु दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ के नाज़िमे तअ़लीमात हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही ने अरकाने इस्लाम बिलखुसूस नमाज़ की अहमियत व फज़ील और नमाज़ न पढ़ने वालों के सिल्सिले में वईदों के बारें में मुख्तसर मगर जामेअ़ खिताब किया।निज़ामत के फराइज़ हज़रत मौलाना अल्हाज पठान साहब सिन्दरी साबिक़ सदर मुदर्रिस:दारुल उ़लूम फैज़े राशिदिया सम,जैलमेर ने बहुस्न व खूबी निभाते हुए आखिरी और खुसूसी खिताब के लिए नूल उ़ल्मा शैखे तरीक़त हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्द ज़िल्लहुल आ़ली मुहतमिम व शैखुल हदीष:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ को दावते खिताब दिया-क़िब्ला सय्यद साहब ने अपने खिताब के दौरान फरमाया कि “जब मौत एक अटल हक़ीक़त है,और यह एक एैसी चीज़ है कि इस का ज़एक़ा हर एक नफ्स को चखना है जैसा कि यही क़ुरआन का फैसला भी है और इस बाबत किसी को कोई इन्कार भी नही है तो एैसी सूरत मे हम सभी लोगों को चाहिए कि जब हमें इस दुनिया-फानी को खैराबाद कहना है तो इस के लिए यानी आखिरत के लिए हमेशा तय्यारी में मसरूफ रहें,ज़्यादा से ज़्यादा नेक कामों के करने की कोशिश करें, नमाज़ व दीगर अरकाने इस्लाम के अदाइगी की हर मुम्मकिन कोशिश करें,अपने माँ बाप की खूब खूब खिदमत करें,अपने पीराने तरीक़त से अ़क़ीदत व मुहब्बत रखें,उ़ल्मा-ए-किराम की तअ़ज़ीम व तकरीम करें,जुम्ला अवामिरे शरइय्या पर अमल और मन्हिय्यात से बचने की कोशिश करें “आप के नासिहाना खिताब के बाद मरहूम फोटे खान के ईसाले षवाब के लिए इज्तिमाई फातिहा ख्वानी करके दुआ़-ए-मग़फिरत की गई।सलातो सलाम व दुआ़ पर यह जल्सा इख्तिताम पज़ीर हुवा।इस प्रोग्राम में खुसूसियत के साथ यह हज़रात शरीक हुए।हज़रत सय्यद इस्माईल शाह बुखारी कच्छ,भुज(गुज:),हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन क़ादरी अनवारी,क़ारी मुहम्मद अ़ब्बास सिकन्दरी,क़ारी अरबाब अ़ली क़ादरी अनवारी,क़ारी अ़ब्दुस्सुब्हान साहब सिकन्दरी खतीब व इमाम:जामा मस्जिद रीवड़ी,मौलाना अ़ब्दुल करीम गुल्ज़ारी खतीब व इमाम जामा मस्जिद मतुओं की ढाणी,क़ारी मुहम्द उ़र्स सिकन्दरी अनवारी,मास्टर मुहम्मद यूनुस साहब वग़ैरहुम-जब कि हज़ारों की तअ़दाद में अ़वामे अहले सुन्नत बिलखुसूस सिकन्दरी जमाअ़त के लोगों न् शिरकत कर के मरहूम के लिए दुआ़-ए- मग़्फिरत की।रिपोर्ट:मुहम्मद अनवर अ़ली सिकन्दरी S/O अ़ब्दुल मलूक मुतअ़ल्लिम:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,पो: गरडिया,ज़िला:बाड़मेर(राजस्थान)

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