।
07 सफरुल मुज़फ्फर 1444 हिजरी …मुताबिक़:05 सितम्बर 2022 ईस्वी बरोज़: सेमवार जामिअ़ा राबिआ़ बसरिया के वसीअ़ व अ़रीज़ मैदान में हज़रत मखदूम दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा का सालाना उ़र्से मुबारक व जामिआ़ राबिआ़ बसरिया का सालाना तअ़लीमी जल्सा इन्तिहाई शान व शौकत और अ़क़ीदत व मोहब्बत के साथ मनाया गया।
बाद नमाज़े फज्र इज्तिमाई क़ुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी करके दरगाह हज़रत दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा मे चादरपोशी की गई और सभी ज़ाईरीन समेत मुल्क व मिल्लत की बेहतरी के लिए दुआ़ की गई।
लगभग 08 बजे सुबह जल्से की शुरुआ़त तिलावते कलामे रब्बानी से की गई।
फिर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ व दारुल उ़लूम की तअ़लीमी शाख मदरसा जामिआ़ राबिआ़ बसरिया के होनहार तल्बा ने अपना दीनी व मज़हबी प्रोग्राम नअ़त,ग़ज़ल [सिंधी नअ़त] व तक़रीर की सूरत में पेश किया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और बच्चों की हौसला अफ्ज़ाई करते हुए इन्आ़म व इकराम से नवाज़ा।
बादहु हज़रत मौलाना इल्मुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी मुदर्रिस:दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने मौक़े की नज़ाकत को देखते हुए मुख्तसर वक़्त में अच्छी तक़रीर की,और “मज़ारात पर औरतों की आमद पर शरई पाबंदी” के हवाले से लोगों को उ़़म्दा व लाइक़े अ़मल पैग़ाम दिया।
आखिर में सदारती व खुसूसी खिताब शैखे तरीक़त नूरुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी सज्जादा नशीन:खानक़ाहे आ़लिया बुखारिया,मुहतमिम व शैखुल हदीष:दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने किया।
आप ने “अल्लाह की खशिय्यत और रिज़्क़े हलाल की तरग़ीब व ताकीद” के उ़़न्वान पर खिताब करते हुए फरमाया कि हमारे मुआ़शरे के अंदर जितनी भी बुराइयाँ हैं अगर हम चाहते हैं कि उन का खातमा हो जाए तो इस के लिए हमारे लिए ज़रूरी है कि हम अपने दिलों के अंदर अल्लाह का खौफ पैदा करें और साथ ही साथ रिज़्के हलाल की फिक्र करें, और हराम माल से खुद भी बचें और अपने अहल व अ़याल को भी बचाएं।
आप ने इस मौज़ूअ़ पर तमसीली अंदाज़ में बहुत ही उ़़म्दा व पुर अषर खिताब किया।
निज़ामत के फराइज़ खतीबे हर दिल अ़ज़ीज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी ने बहुस्न व खूबी निभाई।
बादुहु सलात व सलाम, इज्तिमाई फातिहा ख्वानी व हज़रत पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की दुआ़ पर यह जल्सा इख्तिताम पज़ीर हुवा।
इस दीनी व मज़हबी प्रोग्राम में खुसूसियत के साथ यह हज़रात शरीक हुए।
★हज़रत पीर सय्यद इब्राहीम शाह बुखारी…☆हज़रत पीर सय्यद गुलाम मुहम्मद शाह बुखारी…★हज़रत पीर सय्यद दावन शाह बुखारी…☆हज़रत मौलाना पीर सय्यद सदर अ़ली शाह बुखारी…★सय्यद ज़मन अ़ली शाह बुखारी…☆सय्यद मेहर अ़ली शाह बुखारी…★हज़रत मौलाना दिलावर हुसैन साहब क़ादरी सदर मुदर्रिस: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा…☆हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही…★मौलाना खैर मुहम्मद क़ादरी अनवारी☆मौलाना अ़ब्दुस्सुब्हान मिस्बाही…★मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी…☆मौलाना हबीबुल्लाह क़ादरी अनवारी…★मौलाना मुहम्मद हुसैन साहब क़ादरी…☆मौलानाअ़ब्दुर्रऊफ क़ादरी जामई…★मौलाना इस्लामुद्दीन क़ादरी…☆मौलाना अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी…★मौलाना मुहम्मद अ़ली अनवारी…☆हाफिज़ बरकत अ़ली क़ादरी…★क़ारी अ़ब्दुल वाहिद सोहक्वर्दी☆क़ारी फारूक़ अनवारी…★मौलाना हकीम सिकन्दर अ़ली अनवारी…☆मौलाना दोस्त मुहम्मद अनवारी…★क़ारी अरबाब अ़ली साहब अनवारी…★मास्टर जमाल साहब…☆मास्टर मुहम्द हनीफ…★मास्टर अहमद रज़ा साहब वग़ैकहुम……
रिपोर्टर:(हाफिज़)मोहम्मद क़मरुद्दीन क़ादरी बरकाती अनवारी
खादिम:जामिआ़ राबिआ़ बसरिया मुत्तसिल दरगाह मखदूम दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा… …पीर जो कोट शरीफ,सोभाणी पाड़ा,पो: गरडिया, तह:रामसर, ज़िला:बाड़मेर [राजस्थान]
Leave a Reply