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दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर तिरंगा फहराया गया।रिपोर्ट:(मौलाना) हबीबुल्लाह क़ादरी अनवारीऑफिस इंचार्ज:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा, पच्छमाई नगर,सेहलाऊ शरीफ,पो:गरडिया,तह:रामसर,ज़िला:बाड़मेर][राजस्थान]


अनवारे मुस्तफा सीनियर सैकंडरी स्कूल के बच्चों ने रंगा रंग कार्यक्रम पेश किया।


       आज का दिन हर हिंदुस्तानी के लिए बेहद खास है क्योंकि आज ही के दिन 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ था. 

यही वजह है कि आज हिंदुस्तान में सभी छोटी-बड़ी जगहों,स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और सभी सरकारी व प्राइवेट [निजी] कार्यालयों व शिक्षण व समाजिक संस्थाओं व प्रमुख स्थलों पर झंडा फहराया जाता है. चुनान्चे इस मौक़े पर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा व उस की सभी तअ़लीमी शाखाओं समेत बाड़मेर ज़िले के अन्य मदरसों में भी 74 वां गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय ध्वज फहराकर व राष्ट्रगान गाकर बड़ी धूम-धाम से मनाया गया।

इस मौक़े पर उ़लमा-ए-किराम ने कहा कि यह बात हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारे मुल्क के जाँबाज़ों व हमारे बुजुर्गों ने इस देश को आज़ाद कराने में कितनी कुर्बानियां दी हैं. आज भारतीय इतिहास का यादगार दिन है. जिसे हम सभी लोगों को इसी तरह धूमधाम के साथ मनाना चाहिए.

सब से पहले हज़रत पीर सैयद दावन शाह बुखारी व बीएसएफ के जवानों के हाथों तिरंगा फहराया गया, फिर सभी लोगों ने एकत्रित होकर एक साथ राष्ट्रगान गाया, फिर अनवारे मुस्तफा सीनियर सेकेंडरी स्कूल व दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ के छात्रों ने अपना रंगारंग प्रोग्राम परेड भाषण और वतन से मुहब्बत पर आधारित तरानों की शक्ल में पेश किया, परेड का निरीक्षण हज़रत पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी व श्री सत्यवान गौड़ सहायक कमांडेंट व
इन्स्पेक्टर श्री महेश नागदा
76 बटालियन बी एस एफ ने किया-
परेड के निरीक्षण के बाद श्री महेश नागदा ने बच्चों के जरिया पेश किए गए निरीक्षण की तारीफ की और कहा कि हमने बहुत इदारों में इस तरह का प्रोग्राम देखा मगर यहां का अंदाज निराला नज़र आया, यह सब यहां के स्टाफ की मेहनत और अच्छी तरबियत का नतीजा है।
दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा के प्रबंधक हज़रत अ़ल्लामा पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी ने अपने संबोधन के दौरान सब से पहले इस प्रोग्राम में शामिल सभी मेहमानों का इस्तिक़बाल किया और मुख्य अतिथियों का राजस्थानी साफा पहनाकर और गुलपोशी करके इस्तकबाल किया फिर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “दरअसल, हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया। 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। और इस से पूरे मुल्क में अमन और भाईचारे का पैगाम जाता है” इस मौक़े पर दूसरे वक्ताओं ने सभी से बुजुर्गों के नक़्शे क़दम पर चलकर उनकी तमाम शिक्षाओं को जीवन में उतारने का आह्वान किया.

          मुख्य अतिथि के तौर पर श्री सत्यवान गौड़ सहायक कमांडेंट व

इन्स्पेक्टर श्री महेश नागदा
76 बटालियन बी एस एफ और बी एस एफ व मिलिटरी के कुछ दूसरे जवानों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा पेश किए जाने वाले प्रोग्राम विशेषकर परेड का निरीक्षण किया और उसके बाद अपने भाषण के दौरान उन्होंने गणतंत्र दिवस के बारे में अनवारे मुस्तफा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों और अ़वाम से कुछ इस तरह की बातैं की”सब से पहले तो उन्हों ने इस पूरेे प्रोग्राम की प्रशंसा की फिर गणतंत्र दिवस के बारे में विस्तार से बयान किया और अपने संबोधन में यह कहा कि “भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाया जाता है, क्‍योंकि इसी दिन से भारत में संविधान लागू हुआ था. बरसों तक अंग्रेजों की गुलामी सहने के बाद भारत को 15 अगस्‍त 1947 में आजादी मिली थी और इसके करीब तीन साल बाद देश में संविधान लागू किया गया. संविधान की मसौदा समिति की अध्‍यक्षता डॉ भीम राव अंबेडकर ने की थी. देश हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस भी मनाता है, क्‍योंकि इस दिन यानी 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था-
देश में गणतंत्र दिवस (Republic Day Celebration) सम्‍मान और धूमधाम से मनाया जाता है. देश भर में कई कार्यक्रम होते हैं. इस दिन का सबसे आकर्षक समारोह दिल्‍ली के राजपथ पर होने वाली भव्‍य परेड होती है जो इंडिया गेट तक जाती है. देश के राष्‍ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं. गणतंत्र दिवस (Republic Day Significance) के लिए 26 जनवरी का बड़ा महत्‍व है. इसी दिन 1930 में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्‍वराज की घोषणा की थी और यह दिन भारत की जनता को लोकतांत्रिक ढंग से सरकार चुनने की ताकत की याद भी दिलाता है. देश में यह राष्‍ट्रीय पर्व हर्ष उल्‍लास के साथ मनाया जाता है और इस दिन राष्‍ट्रीय अवकाश होता है.
अनवारे मुस्तफा स्कूल के प्रधानाचार्य मास्टर मोहम्मद यूनुस खान ने दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा शिक्षण संस्थान के अंतर्गत चलने वाले सभी इदारों विशेषकर अनवारे मुस्तफा सीनियर सेकेंडरी स्कूल का पूरा बायोडाटा लोगों के सामने पेश किया-
इस प्रोग्राम का संचालन मौलाना मोहम्मद हुसैन क़ादरी अनवारी ने किया।
इस अवसर पर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा व सीनियर सेकेंडरी स्कूल का पूरा स्टाफ व सभी स्टूडेंट के अलावा इलाक़े के सैकड़ो अ़वाम ने शिरकत कर के अपनी हुब्बुल वतनी का इज़हार किया।
इस प्रोग्राम में मुख्य रूप से इन हज़रात ने शिरकत की- हज़रत सय्यद गुलाम शाह मटारी सरपंच बमणोर, हज़रत सय्यद पीर इब्राहिम शाह बुखारी,सय्यद गुलाम शाह बुखारी, सय्यद इस्माईल शाह बुखारी,हज़रत मौलाना सय्यद सदर अ़ली शाह बुखारी,सय्यद जलाल शाह बुखारी, सय्यद मेहर अ़ली शाह बुखारी,मौलाना मोहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही, मौलाना दिलावर हुसैन क़ादरी, मौलाना बाक़िर हुसैन क़ादरी अनवारी, मौलाना जमालुद्दी क़ादरी अनवारी, मौलाना इलमुद्दीन क़ादरी अनवारी, मौलाना इस्लामुद्दीन क़ादरी अनवारी,मौलाना अ़ब्दुल हलीम क़ादरी अनवारी,हाफिज़ व क़ारी बरकत अ़ली क़ादरी,हाफिज़ क़मरुद्दीन क़ादरी, मास्टर मोहम्मद ताहिर खान, मास्टर मोहम्मद इस्हाक़,मास्टर मक़बूल खान,मास्टर मोहम्मद हनीफ मास्टर सुलेमान, मास्टर मुरीद खान,शुमार खान आदि

रिपोर्ट:(मौलाना) हबीबुल्लाह क़ादरी अनवारी
ऑफिस इंचार्ज:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा, पच्छमाई नगर,सेहलाऊ शरीफ,पो:गरडिया,तह:रामसर,ज़िला:बाड़मेर [राजस्थान]

सेड़वा, बाड़़मेर में जल्सा-ए-गौसे आज़म दस्तगीर का समापन इंतिहाई शान व शौकत के साथ हुआ


जानशीने हुज़ूर मुफ्ती-ए- आज़म राजस्थान हज़रत मुफ्ती शेर मुहम्मद खान साहब रिज़्वी ने विशेष खिताब[संबोधन] किया।रिपोर्टर:बाक़िर हुसैन क़ादरी अनवारीखादिम: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,पो:गरडिया, तह:रामसर, ज़िला: बाड़मेर (राजस्थान)


पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी दारूल उ़लूम अनवारे ग़ौसिया जामा मस्जिद सेड़वा बाड़मेर के वसीअ़ कान्फ्रेंस हाल में 29 रबीउ़ल आखिर 1444 हिजरी , 25 नवंबर 2022 ई.शुक्रवार को इंतिहाई अ़क़ीदत व एहतिराम के साथ “जल्सा-ए-ग़ौसे आज़म दस्तगीर ” का आयोजन किया गया।
जल्से की शुरुआ़त तिलावते कलामे रब्बानी से हुई, फिर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ,दारुल उ़लूम गुलज़ारे ग़ौसिया लकड़ासर व दारुल उ़लूम अनवारे ग़ौसिया सेड़वा के प्रतिभावान छात्रों [होनहार तल्बा] ने अपना धार्मिक कार्यक्रम नात, मन्क़बत व सुधारवादी भाषण [खिताब] की सूरत में पेश किया, जिसे विद्वानों [उ़ल्मा-ए-किराम]और आ़म लोगों ने खूब पसंद किया, और छात्रों को इन्आ़म व इकराम से नवाज़ कर प्रोत्साहित किया।
फिर नूरुल उ़़ल्मा पीरे तरीक़त हज़रत अ़ल्लामा सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी नाज़िमे आला व शैख़ुल हदीस दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफ़ा सेहलाऊ शरीफ़ ने सदारती व इस्तक़्बालिया खिताब किया – बादहु हज़रत मौलाना नवाज़ अ़ली साहब मुदर्रिस दारुल उ़लूम गुलज़ारे ग़ौसिया लकड़ासर ने “इल्म व उ़ल्मा व औलिया-ए-किराम की अ़ज़मत व फज़ीलत” विषय पर खिताब किया – फिर अदीबे शहीर हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही, नाज़िमे तअ़लीमात दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने हदीेसे जिबरईल की रोशनी में अरकाने इस्लाम पर प्रकाश डालते हुए शरीअ़ते इस्लामिया विशेष रूप से नमाज़,रोज़ा, हज व ज़कात अदा करने पर ज़ोर दिया।
अंत में जानशीने हुज़ूर मुफ्ती-ए- आज़म राजस्थान शेरे हिंदुस्तान हज़रत अ़ल्लामा मुफ्ती शेर मुहम्मद खान साहब रिज़्वी शैखुल हदीस दारुल उ़लूम इस्हाक़िया जोधपुर ने दलाइल व वाक़िअ़ात की रोशनी में”अ़ज़मत व फज़ीलते औलिया-ए-किराम” पर इंतिहाई आ़लिमाना व फाज़िलाना खिताब फरमाया ,आप ने अपने खुसूसी खिताब[विशेष संबोधन] में अल्लाह के वलियों [सूफी संतों] की महानता और उत्कृष्टता पर बहुत ही प्रेरक और विद्वतापूर्ण भाषण दिया। .
अपने खिताब[संबोधन] के दौरान उन्होंने उल्मा-ए-किराम, सादाते ज़विल एहतिराम व औलियाअल्लाह की अज़मत और उन से अ़क़ीदत व मुहब्बत करने,तक़वा व परहेज़गारी इख्तियार करने, पवित्रता और धर्मपरायणता, फुिज़ूलखर्ची से बचने, आपसी प्रेम और आपसी इत्तिफाक़ व इत्तिहाद व मेल मिलाप,अपने से बड़ों खास तौर पर अपने माँ बाप का सम्मान करने और विशेष तौर पर धार्मिक [दीनी]और आधुनिक शिक्षा हासिल करने पर ज़ोर दिया । निज़ामत के कर्तव्यों को संयुक्त रूप से मौलाना मुहम्मद हुसैन साहब क़ादरी अनवारी सेहलाऊ शरीफ, मौलाना मुहम्मद सिद्दीक़ साहब सोहरवर्दी और मौलाना मुहम्मद रियाज़ुद्दीन साहब सिकन्दरी अनवारी ने बड़े सलीक़े से निभाया।
निम्न लिखित हज़रात ने इस जल्से में विशेष रूप से भाग लिया- हज़रत सय्यद भूरे शाह बुखारी नाज़िमे आला दारुल उ़लूम गुलज़ारे ग़ौसिया लकड़ासर,
शहज़ादा-ए- मुफ्ती-ए- थार, हज़रत मौलाना अ़ब्दुल मुस्तफा साहब नईमी, नाज़िमे आला दारुल उ़लूम अनवारे गौसिया सेड़वा, हज़रत सय्यद इब्राहीम शाह बुखारी, सैयद मीर मुहम्मद शाह अरटी,सैयद सोहबत अ़ली शाह मटारी आलमसर, हज़रत मौलाना अल्हाज सखी मुहम्मद साहब क़ादरी, हज़रत मौलाना मुहम्मद अय्यूब अ़ली साहब अशरफी, हज़रत मौलाना दिलावर हुसैन साहब क़ादरी, हज़रत मौलाना अब्दुस्सुब्हान साहब मिस्बाही, हज़रत मौलाना मुहम्मद रमज़ान साहब, हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी, हज़रत मौलाना जान मुहम्मद साहब सोहरवर्दी, मौलाना मुहम्मद अहमद अकबरी, मौलाना मुहम्मद उ़मर क़ादरी,मौलाना उ़बैदुल्लाह साहब का़दरी, मौलाना मुहम्मद अकबर सोहरवर्दी, मौलाना फखरुद्दीन क़ादरी अनवारी, मौलाना अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी अनवारी, मौलाना मुहम्मद इदरीस क़ादरी अनवारी, मौलाना अब्दुर्रसूल क़ादरी अनवारी, मौलाना गुलाम मुहम्मद क़ादरी अनवारी, मौलाना मुहम्मद तालिबुल मौला क़ादरी अनवारी,मौलाना मुहम्मद शुमार अनवारी, मौलाना मुहम्मद हनीफ क़ादरी अनवारी,मौलाना इस्लामुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी, मौलाना मुहम्मद हसन क़ादरी, मौलाना मुहम्मद हाशिम सिकन्दरी, क़ारी इस्लामुद्दीन खासकेली,
आ़ली जनाब सुल्तान साहब दर्स,हकीम क़ाएम दर्स,मगन खान दर्स,मैनेजर रहीमना खान दर्स,हाजी अरबाब,खलीफा जलाल समेजा, अ़ब्दुल्लतीफ समेजा,फज़ल खान दर्स,सुलेमान खान रहूमा,अ़लीम खान दर्स आदि।
बादहु सलात व सलाम और नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की दुआ़ पर यह जल्सा समाप्त हुआ।

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वीसासर बाड़़मेर में जल्सा-ए-ग़ौसे आज़म अ़क़ीदत व एहतिराम [श्रद्धा व सम्मान] के साथ मनाया गया। रिपोर्टर: (मौलाना) जान मुहम्मद अनवारी मुदर्रिस: दारुल उ़़लूम फैज़ाने ताज वीसासर, तहसील: सेड़़वा, ज़िला: बाड़़मेर (राजस्थान)


जानशीने हुज़ूर मुफ्ती-ए- आज़म राजस्थान हज़रत मुफ्ती शेर मुहम्मद खान साहब रिज़्वी ने विशेष खिताब[संबोधन] किया।


पूर्व की भाँति इस वर्ष भी दारूल उ़़लूम फैज़ाने ताज वीसासर बाड़़मेर के विस्तृत मैदान में दिनांक 28 रबीउ़़ल आखिर 1444 हिजरी मुताबिक़ 24 नवम्बर 2022 ई.गुरुवार को इंतिहाई अ़क़ीदत व एहतिराम और शान व शौकत [भव्यता] के साथ “जल्सा-ए-ग़ौसे आज़म” का इन्इक़ाद किया गया।
इस जल्से [धार्मिक सम्मेलन] की शुरुआ़त हज़रत मौलाना क़ारी जान मुहम्मद साहब अनवारी द्वारा कलामुल्लाह के पाठ [तिलावत] से की गई, उस के बाद दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, दारुल उ़़लूम गुलज़ारे ग़ौसिया लकड़ासर और दारुल उ़़लूम फैज़ाने ताज वीसासर के प्रतिभाशाली छात्रों ने अपना दीनी व मज़हबी [धार्मिक] प्रोग्राम नात, मनक़बत और सुधारवादी भाषणों से युक्त कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे उ़ल्मा [विद्वानों] और आ़म लोगों ने बहुत पसंद किया और छात्रों को इन्आ़म व इकराम से नवाज़ कर प्रोत्साहित किया।
फिर हज़रत मौलाना कमालुद्दीन साहब ग़ौसवी ने”समाज के सुधार और धार्मिक और आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता और महत्व” विषय पर एक मुख्तसर लेकिन व्यापक भाषण व बेहतरीन पैग़ाम क़ौम को दिया – बादहु वासिफे शाहे हुदा बुलबुले बाग़े मदीना हज़रत क़ारी मुहम्मद जावेद साहब सिकन्दरी अनवारी बरकाती ने नात और मनक़बत का नज़राना पेश किया।
अंत में जानशीने हुज़ूर मुफ्ती-ए- आज़म राजस्थान शेरे हिंदुस्तान हज़रत मुफ्ती शेर मुहम्मद खान साहब रिज़्वी शैखुल-हदीस दारुल उ़़लूम इस्हाक़िया जोधपुर ने विशेष खिताब [संबोधन] फरमाया-
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान नेकी,तक़वा व परहेज़गारी को अपनाने, फिजूलखर्ची से बचने, आपसी प्रेम और आपसी मेल मुहब्बत, और हर तरह की बुराइयों से बचने,नेक कामों के करने और धार्मिक और आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने पर ज़ोर दिया और लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को ठीक से शिक्षित और प्रशिक्षित करें, उन्होंने अपने संबोधन के दौरान जीलानी जमाअ़त हिंद के चीफ खलीफा हज़रत मौलाना सखी मुहम्मद साहब क़ादरी को हरमैन शरीफैन से लौटने पर बधाई दी और साथ ही साथ आप ने दुआ़इया कलिमात [प्रार्थनापूर्ण शब्दों] से भी नवाज़ा, निज़ामत के कर्तव्यों को मौलाना मुहम्मद हुसैन साहब क़ादरी अनवारी सेहलाऊ शरीफ और मौलाना शुमार अ़ली क़ादरी अनवारी मदरसा जामिया मुजद्ददिया फज़्ले मासूमिया जनपालिया बाड़़मेर ने संयुक्त रूप से निभाया।
निम्न लिखित हज़रात ने इस जल्से में विशेष रूप से भाग लिया – ताजुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा मौलाना अल्हाज ताजुद्दीन अहमद साहब सोहरवर्दी मुहतमिम व शेैखुल हदीस दारुल उ़लूम फैज़े ग़ौसिया खारची, हज़रत सय्यद भूरे शाह बुखारी नाज़िमे आला दारुल उ़़लूम गुलज़ारे गौसिया लकड़ासर,
शहज़ादा-ए- मुफ्ती-ए- थार हज़रत मौलाना अ़ब्दुल मुस्तफा साहब नईमी नाज़िमे आला दारुल उ़़लूम अनवारे ग़ौसिया सेड़़वा, सय्यद मीर मुहम्मद शाह अर्टी, अदीबे शाहीर हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही, हज़रत मौलाना वली मुहम्मद साहब ग़ौसवी,हज़रत मौलाना अ़ली हसन क़ादरी अशफाक़ी,मौलाना मुहम्मद यूसुफ साहब क़ादरी,मौलाना नवाज़ अली, मौलाना खालिद रज़ा अनवारी, मौलाना जमालुद्दीन अनवारी आदि।
सलात व सलाम और जानशीने मुफ्ती-ए- आज़म राजस्थान हज़रत अ़ल्लामा मुफ्ती शेर मुहम्मद खान साहब रिज़्वी की दुआ़ पर यह जल्सा समाप्त हुआ।

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चिनानियों की ढाणी मीठे का तला बाड़़मेर में जल्सा-ए-गौसे आज़म बहुस्न व खूबी [अच्छे से] संपन्न।रिपोर्टर: बरकत अ़ली क़ादरीमुदर्रिस शोअ़बा-ए-हिफ्ज़: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़़मेर (राजस्थान)


नुरुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी ने विशेष खिताब [संबोधन] किया।


हर साल की तरह इस साल भी ग़ुलामाने ग़ौसे आज़म कमेटी व जीलानी जमाअ़त चिनानियों की ढाणी, मीठे का तला, चौहटन, बाड़़मेर द्वारा 22 नवंबर 2022 ई. मंगलवार को “जल्सा-ए-ग़ौसे आज़म” बहुत ही अ़क़ीदत व एहतिराम व शान व शौकत के साथ [ सम्मान और गौरव से] आयोजन किया गया –
जल्से [धार्मिक सभा] की शुरुआ़त क़ारी अ़ब्दुश्शकूर साहब क़ादरी के द्वारा तिलावते कलामे रब्बानी से की गई।
उस के बाद पश्चिमी राजस्थान के थार क्षेत्र के महान और प्रतिष्ठित और केंद्रीय धार्मिक विद्यालय[दीनी व मज़हबी इदारा] “दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ” के प्रतिभाशाली छात्रों ने अपने दीनी व मज़हबी प्रोग्राम नअ़त व मन्क़बत और तक़रीरों पर मुश्तमिल [धार्मिक कार्यक्रम] प्रस्तुत किए। जिसे उ़ल्मा [विद्वानों] और आ़म लोगों ने खूब पसंद किया और छात्रों को इन्आ़म व इकराम और दाद दे कर प्रोत्साहित किया।
फिर हज़रत मौलाना अ़ली शेर साहब क़ादरी ने “हज़रत ग़ौसे आज़म और समाज सुधार” के उ़न्वान [शीर्षक] पर इफ्तिताही खिताब किया, बादहु हज़रत मौलाना उ़़बैदुल्लाह साहब क़ादरी, नाज़िमे आला मदरसा रज़ा-ए- मुस्तफा मीठे का तला ने मुख्तसर मगर जामेअ़ खिताब किया [संक्षिप्त लेकिन व्यापक भाषण दिया] – उनके बाद शहज़ादा-ए- मुफ्ती-ए- थार, हज़रत मौलाना अ़ब्दुल मुस्तफा साहब नईमी सोहरवर्दी नाज़िमे आला दारुल उ़लूम अनवारे ग़ौसिया सेड़वा ने महबूबे सुब्हानी सय्यिदुना सरकार ग़ौसे आज़म के पवित्र जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
अंत में, पीरे तारीक़त नूरुल उ़ल्मा वल मशाइख हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्द ज़िल्लहुल अ़ाली नाज़िमे आला व शैख़ुल हदीस दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा, व सज्जादा नशीन: खानक़ाहे आ़लिया बुखारिया सेहलाऊ शरीफ द्वारा एक विशेष और अध्यक्षीय भाषण दिया गया।
आप ने अपने संबोधन के दौरान, बुज़ुर्गाने दीन के नाम पर सभाओं की उत्पत्ति और उनके वास्तविक उद्देश्यों पर प्रकाश डालने के साथ लोगों से आग्रह किया कि वे बुज़र्गों के धन्य जीवन का अध्ययन करें और उनके नक्शे क़दम पर चलें, शरीअ़ते इस्लामिया पर अ़मल करने के साथ, विशेष रूप से इस्लाम के अरकान खास तौर पर नमाज़े पंजगाना की पाबंदी करें ,उन्होंने साथ ही तारिकीने नमाज़ के संदर्भ में कुछ प्रतिज्ञाएँ पढ़़कर लोगों को नमाज़ में आलस्य के लिए हदीसे रसूल की रोशनी में वईदैं सुनाई।
विशेष नात ख्वानी हज़रत मौलाना मुहम्मद यूनुस साहब अनवारी ने की, जबकि निज़ामत के फराइज़ हज़रत मौलाना मुहम्मद हुसैन साहब क़ादरी अनवारी सेहलाऊ शरीफ, हज़रत मौलाना अ़ली मुहम्मद साहब क़ादरी अशफाक़ी जोधपुर और हज़रत मौलाना खान मुहम्मद साहब क़ादरी अनवारी बागावास ने संयुक्त रूप से अदा की-
निम्न लिखित हज़रात ने इस जल्से में विशिष्ट रूप से भाग लिया-
हज़रत सय्यद भूरे शाह बुखारी नाज़िमे आला दारुल उ़लूम गुलज़ारे ग़ौसिया लकड़ासर,आ़ली जनाब अल्हाज अ़ब्दुल गफूर साहब पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार,आली जनाब पदमाराम जी विधायक चौहटन,
अदीबे शहीर हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही, खतीबे शीरीं मक़ाल हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी, हज़रत मौलाना खैर मुहम्मद साहब क़ादरी अनवारी, मौलाना अ़ब्दुर्रऊफ साहब जामई, मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी अनवारी, मौलाना अ़ब्दुल हलीम साहब क़ादरी अनवारी (स्टाफ:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा) – मौलाना अ़ब्दुश्शकूर साहब क़ादरी अनवारी, मौलाना रोशनुल क़ादरी साहब अनवारी, मौलाना मुहम्मद हसन साहब क़ादरी, मौलाना मुहम्मद उ़स्मान क़ादरी, मौलाना मुहम्मद उ़़र्स सिकन्दरी अनवारी,जनाब हाजी साहेबना खान,जनाब मास्टर क़मरुद्दीन साहब,जनाब मास्टर हाशिम साहब,जनाब मास्टर बाबू खान,जनाब मास्टर ताहिर खान, मास्टर मुहम्द हनीफ,मास्टर मुहम्मद सुलेमान,जनाब खलीफा मौलाना अमीर अ़ली साहब,खलीफा हकीम खान,खलीफा मलूक खान,खलीफा मोसन,खलीफा भारा आदि।
बादहु सलातो सलाम और हज़रत क़िब्ला पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की दुआ़ पर यह जल्सा संपन्न हुआ।

रिपोर्टर: बरकत अ़ली क़ादरी
मुदर्रिस शोअ़बा-ए-हिफ्ज़: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़़मेर (राजस्थान)


निवासी : मुक़ाम व पो:मीठे का तला, तह:चौहटन,ज़िला: बाड़़मेर (राजस्थान)

जीलानी जमाअ़त के चीफ खलीफा हज़रत मौलाना हाजी सखी मुहम्मद क़ादरी के साथ एक नूरानी कारवाँ ज़ियारते हरमैन तय्यबैन [उ़मरा] के लिए रवाना हुआ। रिपोर्टर: शुमार अ़ली क़ादरी अनवारीखादिम: मदरसा जामिया मुजद्ददिया फज़्ले मासूमिया जानपालिया, तहसील: सेड़वा जिला: बाड़मेर (राजस्थान


इरादे रोज़ बनते हैं पर वोह टूट जाते हैं।
वही तयबा को जाते हैं जिन्हें आक़ा बुलाते हैं।

अल्लाह तआ़ला के फज़्ल व करम और हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के सदक़े व तुफैल ,खलीफा-ए- हुज़ूर सय्यद पीर ताज हुसैन शाह जीलानी दरगाह कामारो शरीफ व चीफ खलीफा: जीलानी जमाअ़त, हज़रत मौलाना अल्हाज सखी मुहम्मद साहब क़ादरी , 03/11/2022 को अपने क़फिला के साथ सफ़रे हरमैन शरीफैन [पवित्र मक्का व मदीना] के लिए रवाना हुए, जिनका दारुल उ़़लूम फ़ैज़ाने ताज वीसासर के विस्तृत मैदान में जीलानी जमाअ़त व असातज़ा व तल्बा-ए-दारुल उ़लूम फैज़ाने ताज की जानिब से गुल पोशी,नअ़त व मन्क़बत ख्वानी व मौलूद शरीफ के नग़मों से शानदार स्वागत करने के साथ अलविदाइया दिया गया-

अंत में उन्होंने सभी मुसलमानों के लिए, विशेष रूप से अपने प्यारे वतन भारत देश के लिए, शांति और भाईचारे की दुआ़ की – फिर यह क़ाफिला सेड़वा पहुंचा जहां दारुल उ़़लूम अनवारे ग़ौषिया सेड़वा के शिक्षकों और छात्रों ने उनका भव्य स्वागत किया –
उस के बाद यह धन्य क़ाफिला बाड़़मेर के लिए रवाना हुआ और बाड़़मेर में ताज फाउंडेशन के विस्तृत मैदान में फूलों के साथ स्वागत किया गया।

आखिर में, बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर, पीरे तारीक़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी, मद्दज़िल्लहुल अ़ाली, नाज़िमे आला व शैखुल हदीष दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, सैयद गुलाम शाह मटारी बामणोर, सय्यद सोहबत अ़ली शाह आ़लमसर, पदमाराम जी विधायक चौहटन, हाजी फतेह मुहम्मद ज़िला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी बाड़मेर, सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजिंदर सिंह चौहान, श्री अशरफ अली खिलजी, सरपंच सच्चू खां हरपालिया एवं बाड़़मेर के समस्त जीलानी जमाअ़त की ओर से आपका एवं आपके साथ इस पवित्र यात्रा पर जाने वाले सभी हज़रात का हार्दिक स्वागत किया गया तथा दुआ़ के साथ इस नूरानी कारवां को विदा किया गया-

इस मौके पर नूरुल उ़़ल्मा हज़रत अल्लामा अल्हाज पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्दज़िल्लहुल आ़ली ने हरमैन तय्यबैन के इस मुबारक सफर पर जाने वाले सभी हज़रात के सफर में आसानी व उन के उ़़मरा व दूसरे इबादतों की क़बूलियत के लिए दुआ़ करने के साथ उन सभी हज़रात से पवित्र स्थानों पर देश और राष्ट्र की बेहतरी के लिए विशेष दुआ़ करने का अनुरोध किया।
इस पवित्र यात्रा[सफरे हरमैन] पर जाने वाले हज़रात को विदाई देने के लिए आसपास के विभिन्न गांवों के सैकड़ों लोग बाड़़मेर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए।

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उ़मरा व ज़ियारते हरमैन तय्यबैन (मक्का व मदीना शरीफ के पवित्र यात्रा) से वापस लौटे हज़रत अ़ल्लामा पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी का जगह जगह शानदार स्वागत किया गया! रिपोर्ट:मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही खादिम: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़मेर (राजस्थान

खाना-ए-काबा की ज़ियारत व तवाफ,और रौज़ा-ए-रसूल पर उपस्थित होने और प्रार्थना और अभिवादन करने (सलातो सलाम पेश करने) का सौभाग्य, हरमैन तैय्यबैन के अन्य पवित्र और धन्य स्थानों की ज़ियारत के साथ अपनी आत्मा और दिल व रूह को सैराब करने की हर एक मुसलमान की ज़रूर इच्छा होती है, लेकिन इस इच्छा की पूर्ति केवल उच्च भाग्य वाले ही हासिल कर पाते हैं। चुनान्चे अभी कुछ ही दिनों पहले, थार क्षेत्र के महान और प्रतिष्ठित और केंद्रीय धार्मिक विद्यालय, दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ बाड़मेर के शैखुल हदीष पीरे तारिक़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी बिना किसी को बताए हरमैन तय्यबैन की पवित्र यात्रा के लिए अत्यंत सादगी के साथ तशरीफ ले गए थे, और कल 14 अक्टूबर, 2022 शुक्रवार को वापस मुंबई एयरपोर्ट से सीधे गुजरात के रास्ते बाई कार दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ पहुंचे।

सेहलाऊ शरीफ पहुंचने पर दारुल उ़लूम के शिक्षकों और विद्यार्थियों (असातज़ा व तल्बा) व दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा के फारिग़ीन और क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने भव्य स्वागत किया ।रास्ते में मुंबई, गुजरात और राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर अ़क़ीदत मंदों ने भी भव्य स्वागत किया।

इस पवित्र यात्रा में आपके साथ मेरे प्रिय मित्र हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी बारकाती अनवारी और देश और राष्ट्र के हितैषी श्री इम्तियाज अली साहब गुजरात वाले भी थे।

अल्लाह तआ़ला इन सभी सज्जनों के इस उमरा को अपनी बारगाह में क़बूल करे, और हम सभी को ज़ियारते हरमैन तय्यबैन की तौफीक़ व स्वभाग्य प्रदान करे।
आमीन बिजाहि सय्यिदिस मुर्सलीन (स्वल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम)

रिपोर्ट:मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही
खादिम: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़मेर (राजस्थान)


निवासः भवानीपुर (सेमरहना) पो: स्का बाज़ार, जिलाः सिद्धार्थ नगर (यूपी)

मदरसा अहले सुन्नत फैज़े सरवरी आसाड़ी सिंधियान में हज़रत मखदूम नूह सरवर (अ़लैहिर्रहमा) की याद में जल्सा-ए-सरवरी का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट: निहालुद्दीन अनवारी
खादिम: मदरसा अहले सुन्नत फैज़े सरवरी आसाड़ी सिंधियान, तहसील: गडरा रोड, ज़िला: बाड़़मेर [राजस्थान]

21 सफर 1444 हिजरी/ 19 सितंबर 2022 ईस्वी [सोमवार] को दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ की तअ़लीमी शाख मदरसा अहले सुन्नत फैज़े सरवरी आसाड़ी सिंधियान तहसील गडरा रोड, ज़िला बाड़़मेर में सभी मुसलमानाने अहले सुन्नत विशेष रूप से सरवरी जमाअ़त की तरफ से हज़रत शाह लुत्फुल्लाह अल मअ़रूफ मखदूम नूह सरवर हालाई अ़लैहिर्रहमा की याद में “जल्सा-ए- सरवरी” नामक सम्मेलन आयोजित किया गया।

जल्से की शुरुआ़त पवित्र कुरान के पाठ [तिलावत] के साथ हुई।

बादहु दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ और उसकी शैक्षिक शाखा मदरसा अहले सुन्नत फैज़े सरवरी के कुछ प्रतिभाशाली [होनहार] छात्रों ने नअ़त व ग़ज़ल [सिंधी नअ़त व मन्कब़त] और भाषणों से युक्त [तक़ीर पर मुश्तमिल] अपने धार्मिक [दीनी व मज़हबी] और इस्लाही कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। और बच्चो की प्रशंसा करने के साथ इन्आ़म व इकराम से सम्मानित कर के बच्चों को प्रोत्साहित किया-

हज़रत हाफिज़ व क़ारी मोहम्मद एहसान साहब अशफाक़ी सरवरी जैसलमेरी ने उद्घाटन भाषण [इफ्तिताही खिताब] किया।,फिर विशेष उपदेशक [खुसूसी खतीब] आ़लिमे बा अ़मल हज़रत अ़ल्लामा व मौलाना अल्हाज अ़ब्दुल ग़फूर साहब अशफाक़ी सरवरी खतीब व इमाम जामा मस्जिद सुमेरपुर, पाली मारवाड़ और खतीबे हर दिल अ़जी़ज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी नाएब सदर दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने यके बाद दीगरे हज़रत मखदूम नूंह सरवर हालाई अ़लैहिर्रहमा के पवित्र जीवन और समाज सुधार के विभिन्न पहलुओं पर एक उत्कृष्ट भाषण दिया।

विशेष नअ़त व मन्क़बत ख्वानी वासिफे शाहे हुदा हज़रत मौलाना क़ारी मोहम्मद जावेद साहब सिकंदरी अनवारी मुदर्रिस दारुल उ़़लूम क़दरिया अनवारे शाहे जीलाँ डेरासर और प्रसिद्ध सना ख्वाने मुस्तफा हज़रत हाफिज़ व क़ारी अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी अनवारी जोधपुर की हुई –

अंत में, पीरे तरीक़त नूरुल उ़लमा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी, शैखुल हदीष व नाज़िमे आला दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने अपने नासिहाना खिताब [संबोधन] से नवाज़ा।

आप ने अपने संबोधन के दौरान लोगों से पवित्र शरीअ़त का पूरी तरह से पालन करने, नेक कार्य करने, विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित कुछ ग़लत व ग़र शरई और बे बुनियाद रीति रिवाज से परहेज करने का आग्रह किया, शैतानी वसवसों से बचने और पांचों वक़्त जमाअ़त के साथ नमाज़ अदा करने, रमजान के महीने में हर संभव रोज़ा रखने,और अगर अल्लाह तआ़ला ने माल व दौलत से नवाज़ा है तो हज और ज़कात अदा करने पर ज़ोर दिया। अंत में धार्मिक सभाओं के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए आप ने कहा कि बुज़ुर्गों के नाम पर जल्से आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य आप लोगें तक दीनी पैग़ाम पहुंचाना । और नेक कामों का संदेश देना है,इस लिए हम सभी लोगों को बुजुर्गों व औलिया-ए- किराम के धन्य जीवन को पढ़ कर और अपने विद्वानों [उ़ल्मा-ए-किराम] से सुनकर अपने जीवन को उनके जीवन की तरह जीने की कोशिश करनी चाहिए।जिस बुजुर्ग के नाम से हम और आप यह जल्सा कर रहे हैं, अगर वह एक तरफ अल्लाह के वली [सूफी संत] थे, तो दूसरी तरफ वे एक धार्मिक विद्वान [बड़े अ़ालिमे दीन]भी थे,आप ने फारसी में क़ुरआन शरीफ का अनुवाद किया,यह आप की बहुत बड़ी दीनी खिदमत है।

आप के संबोधन से पहले हज़रत मौलाना मोहम्मद यूसुफ साहब क़ादरी ने सिंधी भाषा में कुछ श्लोक [सिंधी ग़जल]पढ़े-

सलात व सलाम, इज्तिमाई फातिहा ख्वानी और क़िबला नूरुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की दुआ़ के साथ यह जल्सा समापन हुआ।

इस जल्से में इन सज्जनों ने विशेष रूप से भाग लिया-

★ हज़रत मौलाना मोहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही, ★हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी बाराकती अनवारी, दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा,★ हज़रत मौलाना अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी अनवारी, नाज़िमे आला: मदरसा अनवारे क़ादरिया फैज़े जीलानी मेकरनवाला, ★हज़रत क़ारी मोहम्मद याक़ूब साहब नाज़िमे आला: मदरसा फैज़े पागारा रोज़े ढणी,ऊटल, बरियाड़ा, ★हज़रत मौलाना क़ारी मोहम्मद क़ासिम साहब क़ादरी इमाम मस्जिद: आगासड़ी, ★मौलाना मोहम्मद हमज़ा साहब क़ादरी अनवारी सोलंकिया, ★मौलाना अ़ब्दुल मुत्तलिब साहब अनवारी, ★मौलाना अ़ब्दुर्रऊफ अनवारी, ★सरपंच मौलाना फतेह मोहम्मद साहब अनवारी आसाड़ी, ★क़ारी अरबाब अ़ली साहब अनवारी, ★मौलाना मोहम्मद उ़़र्स सिकंदरी अनवारी, ★खलीफा मोहम्मद बख्श साहब सरवरी खादिमे खास: दरगाह हज़रत अबन शाह, पीर की जाल, सांचोर, ★जनाब मिश्री जुनेजा संस्थापक: सरवरी युवा फाउंडेशन & एजुकेशन ट्रस्ट, ★जनाब मठार फक़ीर खलीफा सरवरी जमाअ़त, ★जनाब जमाल फक़ीर साहब आगासड़ी आदि।

मदरसा अहले सुन्नत फैजे जीलानी ठठर का डेर [बामणोर) में हर्ष व उल्लास और अ़क़ीदत व एहतिराम के साथ जल्सा-ए-ग़ौषुल आलमीन हज़रत बहाउद्दी ज़करिया मुल्तानी मनाया गया। रिपोर्टर:क़ारी मोहम्मद मन्सूर अ़ली ग़ौषवी खतीब व इमाम:जामा मस्जिद पंजतनी, ठठर का डेर, बामणोर तहसील:सेड़वा,ज़िला:बाड़मेर [राजस्थान]


17 सफ़रुल-मुज़फ़्फ़र 1444 हिजरी/15 सितंबर 2022 ई.दिन: गुरुवार [सुबह 08 बजे से 02 बजे दोपहर तक]”मदरसा अहले सुन्नत फैज़े जीलानी ठठर का डेर में क़ौमी रहनुमा हज़रत सय्यद गुलाम शाह मटारी बामणोर की सरपरस्ती में ऐक इस्लाही सम्मेलन [जल्सा] “ग़ौषुल आ़लमीन हज़रत ग़ौष बहाउल हक़ बहाउद्दीन ज़करिया मुल्तानी अलैहिर्रहमा” के नाम से बहुत ही अ़क़ीदत और एहतिराम के साथ आयोजित किया गया।
इस धार्मिक सम्मेलन [जल्सा-ए-ग़ौषिया] की शुरुआ़त मौलाना अल्हाज मुराद अ़ली के ज़रिया तिलावते कलामे पाक से हुई।

उस के बाद मदरसा फैज़े जीलानी के छात्रों ने नात, ग़ज़ल [सिंधी नात] और संवाद के रूप में अपना धार्मिक [इस्लामिक ] कार्यक्रम प्रस्तुत किया –

फिर ख़तीबे हर दिल अ़ज़ीज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी,नाएब सदर दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने “समाज सुधार में औलिया-ए-किराम की भूमिका” और बुज़ुर्गों से निस्बत व तअ़ल्लुक़… विषय पर एक उत्कृष्ट खिताब [भाषण] किया –

आप के संबोधन [तक़रीर] के बाद ताजुल उ़ल्मा मुफक्किरे क़ौम व मिल्लत हज़रत अ़ल्लामा व मौलाना ताज मोहम्मद साहब सोहरवर्दी ने “दीनी व दुनियावी शिक्षा की जरूरत व अहमियत” विषय पर बेहतरीन व सराहनीय खिताब किया।
आप ने अपने खिताब के ज़रिया क़ौम के लोगों को बहुत ही फिकरी पैग़ाम दिया।

अंत में, पीरे तरीक़त मशहूर धर्मगुरु नूरुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मुहतमिम व शैखुल हदीष:दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने विशेष भाषण दिया। .
आप ने अपने संबोधन [खिताब] में धर्मगुरुओं [बुज़ुर्गों] के नाम पर होने वाली इन सभाओं का वास्तविक उद्देश्य समझाया और कहा कि यदि आप सज्जनों, जो धर्म के नाम पर इन सभाओं को आयोजित करते हो, यदि आप वास्तव में उनकी दुआ़एं और फैज़ प्राप्त करना चाहते हो तो आप को उनके धन्य जीवन का अध्ययन कर के उन्हीं की तरह जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए, उनकी बातों, उपदेशों और शिक्षाओं का पालन करना चाहिए। अगर हम और आप उनसे प्यार करने का दावा करते हैं, तो हमें भी कोशिश करनी चाहिए कि जितना हो सके शरीअ़ते इस्लामिया पर अ़मल करें, नेक कार्य करें,बड़ों को सम्मान दें,छोटों से प्यार और नरमी से पेश आएं,नमाज़,रोज़ा,हज व ज़कात की अदायगी पर विशेष ध्यान दें।

इस दीनी प्रोग्राम में मद्दाहे रसूल हज़रत मौलाना क़ारी मोहम्मद जावेद साहब सिकंदरी अनवारी मुदर्रिस: दारुल उ़लूम क़ादरिया अनवारे शाहे जीलाँ देरासर ने विशेष नात-ख्वानी की और क़ारी मोहम्मद अ़ली ने निजामत के कर्तव्यों को अच्छी तरह से निभाया।

इन सज्जनों ने इस धार्मिक [दीनी व मज़हबी] कार्यक्रम में विशेषता के साथ भाग लिया!
उप प्रधान सय्यद शुजा मोहम्मद शाह मटारी, सैयद टोअर शाह , सय्यद अहमद शाह,सय्यद उमेद अ़ली शाह, मौलाना हाजी मुराद अ़ली आरीसर, मौलाना हाजी हारुन साहब,मौलाना मोहम्मद शमीम साहब नूरी,मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी,मौलाना हाजी इस्हाक़ साहब,क़ारी मोहम्मद अ़ली,मौलाना हाजी मुराद अ़ली इमाम जामा मस्जिद बामणोर,मौलाना अमीन क़ादरी,क़ारी अ़ब्दुल हादी, खलीफा अहमद खान,खलीफा अ़ली खान, मास्टर मोहम्मद यूनुसुस साहब,मास्टर मोहम्मद अशरफ खान, क़ारी अरबाब अ़ली क़ादरी अनवारी,मौलाना अब्दुल मजीद क़ादरी अनवारी,मौलाना मोहम्मद उ़र्स सिकन्दरी अनवारी आदि।

सलातो सलाम और क़िब्ला पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की दुआ़ पर यह जल्सा संपन्न हुआ।

औलिया-ए-किराम के उ़र्सों का मुख्य उद्देश्य उन के अनमोल वचन और धार्मिक संदेश को लोगों तक पहुंचाना है… पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी: रिपोर्टर:मुहम्मद क़ाएमुद्दीन अनवारी मुदर्रिस:मदरसा अहले सुन्नत फैज़ाने शाह रुकने आ़लम,मदीना मस्जिद सालारिया,तहसील:सेड़वा,ज़िला:बाड़मेर [राजस्थान]

मदरसा अहले सुन्नत फैजाने शाह रुकने आ़लम मदीना मस्जिद सलारिया में हर्ष व उल्लास और अ़क़ीदत व एहतिराम के साथ जल्सा-ए-ग़ौषिया मनाया गया



पिछले वर्षों के अनुसार, मंगलवार, 15 सफ़रुल-मुज़फ़्फ़र 1444 हिजरी/13 सितंबर 2022 ई. “मदरसा अहले सुन्नत फैज़ाने शाह रुकने आ़लम मदीना मस्जिद सलारिया, सेड़़वा” में ऐक इस्लाही सम्मेलन [जल्सा] “ग़ौषुल आ़लमीन हज़रत ग़ौष बहाउल हक़ बहाउद्दीन ज़करिया मुल्तानी अलैहिर्रहमा” के नाम से बहुत ही अ़क़ीदत और एहतिराम के साथ आयोजित किया गया।
इस धार्मिक सम्मेलन [जल्सा-ए-ग़ौषिया] की शुरुआ़त तिलावते कलामे पाक से हुई।

उस के बाद मदरसा फैज़ाने शाह रुकने आ़लम के छात्रों ने नात, ग़ज़ल [सिंधी नात] और संवाद के रूप में अपना धार्मिक [इस्लामिक ] कार्यक्रम प्रस्तुत किया –

फिर ख़तीबे हर दिल अ़ज़ीज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी,नाएब सदर दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने “समाज सुधार में धार्मिक बुजुर्गों की भूमिका” विषय पर एक उत्कृष्ट खिताब [भाषण] किया –

आप के संबोधन [तक़रीर] के बाद शहज़ादा-ए- मुफ्ती-ए-थार हज़रत मौलाना अ़ब्दुल मुस्तफा साहब नईमी सुहरवर्दी नाज़िमे आला दारुल उ़़लूम अनावरे ग़ौषिया सेड़़वा ने “मोहब्बते रसूल व औलिया-ए-किराम” विषय पर बेहतरीन व सराहनीय खिताब किया।

अंत में, पीरे तरीक़त मशहूर धर्मगुरु नूरुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मुहतमिम व शैखुल हदीष:दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने विशेष भाषण दिया। .
आप ने अपने संबोधन [खिताब] में धर्मगुरुओं [बुज़ुर्गों] के नाम पर होने वाली इन सभाओं का वास्तविक उद्देश्य समझाया और कहा कि यदि आप सज्जनों, जो धर्म के नाम पर इन सभाओं को आयोजित करते हो, यदि आप वास्तव में उनकी दुआ़एं और फैज़ प्राप्त करना चाहते हो तो आप को उनके धन्य जीवन का अध्ययन कर के उन्हीं की तरह जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए, उनकी बातों, उपदेशों और शिक्षाओं का पालन करना चाहिए। अगर हम और आप उनसे प्यार करने का दावा करते हैं, तो हमें भी कोशिश करनी चाहिए कि जितना हो सके शरीअ़ते इस्लामिया पर अ़मल करें, नेक कार्य करें,बड़ों को सम्मान दें,छोटों से प्यार और नरमी से पेश आएं,नमाज़,रोज़ा,हज व ज़कात की अदायगी पर विशेष ध्यान दें।

इस दीनी प्रोग्राम में मौलाना मुहम्मद उर्स सिकंदरी अनवारी ने विशेष नात-ख्वानी की और मौलाना मुहम्मद रियाजुद्दीन सिकन्दरी अनवारी ने निजामत के कर्तव्यों को अच्छी तरह से निभाया।

इन सज्जनों ने इस धार्मिक [दीनी व मज़हबी] कार्यक्रम में विशेषता के साथ भाग लिया!
हज़रत पीर सय्यद दावान शाह बुखारी, हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम साहब नूरी मिस्बाही, हज़रत मौलाना मुहम्मद हुसैन साहब क़ादरी अनवारी दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा,, क़ारी अरबाब अ़ली क़ादरी अनवारी, क़ारी मुहम्मद हाशिम अनवारी आदि।

जामिआ़ राबिआ़ बसरिया [पीर जो कोट शरीफ]सोभाणी पाड़ा,गरडिया में हज़रत मखदूम दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा का सालाना उ़र्स अ़क़ीदत व मोहब्बत के साथ मनाया गया! रिपोर्टर:(हाफिज़)मोहम्मद क़मरुद्दीन क़ादरी बरकाती अनवारी

07 सफरुल मुज़फ्फर 1444 हिजरी …मुताबिक़:05 सितम्बर 2022 ईस्वी बरोज़: सेमवार जामिअ़ा राबिआ़ बसरिया के वसीअ़ व अ़रीज़ मैदान में हज़रत मखदूम दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा का सालाना उ़र्से मुबारक व जामिआ़ राबिआ़ बसरिया का सालाना तअ़लीमी जल्सा इन्तिहाई शान व शौकत और अ़क़ीदत व मोहब्बत के साथ मनाया गया।

बाद नमाज़े फज्र इज्तिमाई क़ुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी करके दरगाह हज़रत दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा मे चादरपोशी की गई और सभी ज़ाईरीन समेत मुल्क व मिल्लत की बेहतरी के लिए दुआ़ की गई।

लगभग 08 बजे सुबह जल्से की शुरुआ़त तिलावते कलामे रब्बानी से की गई।

फिर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ व दारुल उ़लूम की तअ़लीमी शाख मदरसा जामिआ़ राबिआ़ बसरिया के होनहार तल्बा ने अपना दीनी व मज़हबी प्रोग्राम नअ़त,ग़ज़ल [सिंधी नअ़त] व तक़रीर की सूरत में पेश किया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और बच्चों की हौसला अफ्ज़ाई करते हुए इन्आ़म व इकराम से नवाज़ा।

बादहु हज़रत मौलाना इल्मुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी मुदर्रिस:दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने मौक़े की नज़ाकत को देखते हुए मुख्तसर वक़्त में अच्छी तक़रीर की,और “मज़ारात पर औरतों की आमद पर शरई पाबंदी” के हवाले से लोगों को उ़़म्दा व लाइक़े अ़मल पैग़ाम दिया।

आखिर में सदारती व खुसूसी खिताब शैखे तरीक़त नूरुल उ़़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी सज्जादा नशीन:खानक़ाहे आ़लिया बुखारिया,मुहतमिम व शैखुल हदीष:दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने किया।

आप ने “अल्लाह की खशिय्यत और रिज़्क़े हलाल की तरग़ीब व ताकीद” के उ़़न्वान पर खिताब करते हुए फरमाया कि हमारे मुआ़शरे के अंदर जितनी भी बुराइयाँ हैं अगर हम चाहते हैं कि उन का खातमा हो जाए तो इस के लिए हमारे लिए ज़रूरी है कि हम अपने दिलों के अंदर अल्लाह का खौफ पैदा करें और साथ ही साथ रिज़्के हलाल की फिक्र करें, और हराम माल से खुद भी बचें और अपने अहल व अ़याल को भी बचाएं।

आप ने इस मौज़ूअ़ पर तमसीली अंदाज़ में बहुत ही उ़़म्दा व पुर अषर खिताब किया।

निज़ामत के फराइज़ खतीबे हर दिल अ़ज़ीज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी ने बहुस्न व खूबी निभाई।

बादुहु सलात व सलाम, इज्तिमाई फातिहा ख्वानी व हज़रत पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की दुआ़ पर यह जल्सा इख्तिताम पज़ीर हुवा।

इस दीनी व मज़हबी प्रोग्राम में खुसूसियत के साथ यह हज़रात शरीक हुए।
★हज़रत पीर सय्यद इब्राहीम शाह बुखारी…☆हज़रत पीर सय्यद गुलाम मुहम्मद शाह बुखारी…★हज़रत पीर सय्यद दावन शाह बुखारी…☆हज़रत मौलाना पीर सय्यद सदर अ़ली शाह बुखारी…★सय्यद ज़मन अ़ली शाह बुखारी…☆सय्यद मेहर अ़ली शाह बुखारी…★हज़रत मौलाना दिलावर हुसैन साहब क़ादरी सदर मुदर्रिस: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा…☆हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही…★मौलाना खैर मुहम्मद क़ादरी अनवारी☆मौलाना अ़ब्दुस्सुब्हान मिस्बाही…★मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी…☆मौलाना हबीबुल्लाह क़ादरी अनवारी…★मौलाना मुहम्मद हुसैन साहब क़ादरी…☆मौलानाअ़ब्दुर्रऊफ क़ादरी जामई…★मौलाना इस्लामुद्दीन क़ादरी…☆मौलाना अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी…★मौलाना मुहम्मद अ़ली अनवारी…☆हाफिज़ बरकत अ़ली क़ादरी…★क़ारी अ़ब्दुल वाहिद सोहक्वर्दी☆क़ारी फारूक़ अनवारी…★मौलाना हकीम सिकन्दर अ़ली अनवारी…☆मौलाना दोस्त मुहम्मद अनवारी…★क़ारी अरबाब अ़ली साहब अनवारी…★मास्टर जमाल साहब…☆मास्टर मुहम्द हनीफ…★मास्टर अहमद रज़ा साहब वग़ैकहुम……

रिपोर्टर:(हाफिज़)मोहम्मद क़मरुद्दीन क़ादरी बरकाती अनवारी
खादिम:जामिआ़ राबिआ़ बसरिया मुत्तसिल दरगाह मखदूम दर्स सोहराब फक़ीर अ़लैहिर्रहमा… …पीर जो कोट शरीफ,सोभाणी पाड़ा,पो: गरडिया, तह:रामसर, ज़िला:बाड़मेर [राजस्थान]