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खाना-ए-काबा की ज़ियारत व तवाफ,और रौज़ा-ए-रसूल पर उपस्थित होने और प्रार्थना और अभिवादन करने (सलातो सलाम पेश करने) का सौभाग्य, हरमैन तैय्यबैन के अन्य पवित्र और धन्य स्थानों की ज़ियारत के साथ अपनी आत्मा और दिल व रूह को सैराब करने की हर एक मुसलमान की ज़रूर इच्छा होती है, लेकिन इस इच्छा की पूर्ति केवल उच्च भाग्य वाले ही हासिल कर पाते हैं। चुनान्चे अभी कुछ ही दिनों पहले, थार क्षेत्र के महान और प्रतिष्ठित और केंद्रीय धार्मिक विद्यालय, दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ बाड़मेर के शैखुल हदीष पीरे तारिक़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी बिना किसी को बताए हरमैन तय्यबैन की पवित्र यात्रा के लिए अत्यंत सादगी के साथ तशरीफ ले गए थे, और कल 14 अक्टूबर, 2022 शुक्रवार को वापस मुंबई एयरपोर्ट से सीधे गुजरात के रास्ते बाई कार दारुल उ़़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ पहुंचे।
सेहलाऊ शरीफ पहुंचने पर दारुल उ़लूम के शिक्षकों और विद्यार्थियों (असातज़ा व तल्बा) व दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा के फारिग़ीन और क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने भव्य स्वागत किया ।रास्ते में मुंबई, गुजरात और राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर अ़क़ीदत मंदों ने भी भव्य स्वागत किया।
इस पवित्र यात्रा में आपके साथ मेरे प्रिय मित्र हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी बारकाती अनवारी और देश और राष्ट्र के हितैषी श्री इम्तियाज अली साहब गुजरात वाले भी थे।
अल्लाह तआ़ला इन सभी सज्जनों के इस उमरा को अपनी बारगाह में क़बूल करे, और हम सभी को ज़ियारते हरमैन तय्यबैन की तौफीक़ व स्वभाग्य प्रदान करे।
आमीन बिजाहि सय्यिदिस मुर्सलीन (स्वल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम)
रिपोर्ट:मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही
खादिम: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़मेर (राजस्थान)
निवासः भवानीपुर (सेमरहना) पो: स्का बाज़ार, जिलाः सिद्धार्थ नगर (यूपी)
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