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सेहलाऊ शरीफ में 154 वां उर्से बुखारी मनाया गया

सेहलाऊ शरीफ में 154 वां उर्से बुखारी मनाया गया

सेहलाऊ शरीफ में 154 वाँ उ़र्से बुखारी मनाया गया।उर्स के प्रोग्राम में ज़ाइरीन का सैलाब उमंड पड़ा।इलाक़ा-ए-थार की मशहूर दीनी दर्सगाह “दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,गरडिया,बाड़मेर” के वसीअ़ ग्राउंड में 13 मार्च 2022 ईस्वी दिन:रविवार को क़ुतुबे थार हज़रत पीर सय्यद हाजी आ़ली शाह बुखारी का 154 वाँ, हज़रत पीर सय्यद अ़लाउद्दीन शाह बुखारी का 50 वाँ और बानी-ए-दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा हज़रत पीर सय्यद कबीर अहमद शाह बुखारी [अ़लैहिमुर्रहमा] का आठवाँ उ़र्से बुखारी इन्तिहाई शानो शौकत और अ़क़ीदत व मोहब्बत और हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया। सबसे पहले बाद नमाज़े फज्र: इज्तिमाई कुरआन ख्वानी की गई, फिर बाद नमाजे ज़ोहर क़ौमी एकता का प्रोग्राम हुआ जिसमें एडिशनल एसपी बाड़मेंर नरपत सिंह जी, तहीलदार रामसर छोटे लाल जी,सलमान खान प्रधान गडरारोड,अ:लतीफ AC:Beoo बलाक रामसर, तन सिंह चौहान के सुपुत्र जोगेन्दर सिंह चौहान जी, हाजी फतेह मोहम्मद साहब अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी बाड़मेर ने अपने अपने विचार व्यक्त किए, अधिकतर लोगों ने दीनी शिक्षा के साथ दुनियावी शिक्षा हासिल करने और आपसी भाईचारा और देश से मोहब्बत पर जोर दिया। हज़रत पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी ने कौमी एकता प्रोग्राम में शामिल सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि” औलिया-ए-किराम, सूफी संतों के आस्ताने आपसी भाई चारा को बढ़ावा देते हैं, और इन आस्तानों से देश वासियों को आपसी मेल मिलाप अमन चैन और देश से मोहब्बत का पैगाम दिया जाता है, हज़रत पीर साहब ने दरगाह इंतिज़ामिया कमेटी की तरफ से अपने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा करने के साथ मुख्य अतिथियों को साफा बांधकर और हार पहनाकर स्वागत किया।इस प्रोग्राम का संचालन मास्टर खान मोहम्मद [हरपालिया] व मौलाना मोहम्मद हुसैन साहब क़ादरी अनवारी ने किया- यह दोनों हज़रात गाहे बगाहे लोगों के सामने दारुल उ़लुम अनवारे मुस्तफा और उस के मातहत चलने वाले इदारों बिल खुसूस अनवारे मुस्तफा माध्यमिक विद्यालय का तआ़रुफ भी पेश करते रहे। बाद नमाजे अ़स्र:दारुल उ़लूम के दारुल हदीष से दरगाह शरीफ के लिए जुलूसे चादर साहिबे सज्जादा नूरुल उ़ल्मा पीरे तरीक़त हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी और उन के बिराद्रान,सादाते किराम व उ़ल्मा-ए-ज़विल एहतिराम की क़यादत में सिंधी मौलूद शरीफ व नअ़त व मन्क़बत पढ़ते और दरूद शरीफ व कलमा का ज़िक्र करते हुए रवाना हुआ।लोगों के जन सैलाब के बा वजूद अबना-ए- दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा व ग़ुलामाने बुखारी कमेटी गागरिया [इलाक़ा:खावड़] और थाना रामसर व बिजिडियार के पुलिस प्रशासन की अच्छी देख रेख व गाइडिंग की वजह से इंतिहाई सुकून व इतमिनान के साथ दरगाह शरीफ पहुंचा। सबसे पहले दरगाह शरीफ में आराम फरमा सभी बुजुर्गों के मज़ारों पर चादर पोशी व गुलपाशी की गई, फिर इज्तिमाई फातिहा ख्वानी हुई, सलातो सलाम के बाद दरगाह के सज्जादा नशीन क़िब्ला पीर साहब ने उ़र्स में तशरीफ लाए सभी ज़ायरीन और दूसरे लोगों के लिए जुमला आफतों व बलाओं और हर तरह की बीमारियों से हिफाज़त और मुल्क व मिल्लत की सलाह व फलाह और देश में अमन चैन और शांति की खुसूसी दुआ की।बाद नमाज़े मग़रिब:दारुल उ़लूम व शाखहा-ए-दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा के कुछ होनहार तल्बा का दीनी,इल्मी,इस्लाही व षक़ाफती प्रोग्राम तिलावत,नअ़त व मन्क़बत, तक़रीर व मुकालमा की सूरत में हुआ जिसे उ़ल्मा व अ़वाम ने बहुत पसंद किया और दाद व तहसीन से खूब खूब नवाज़ा।बाद नमाज़े इशा:उ़ल्मा-ए-किराम का खुसूसी प्रोग्राम तिलावते कलामे पाक से शुरूअ़ हुआ।इस प्रोग्राम में खुसूसी तक़रीर जानशीने हुज़ूर मुफ्ती-ए-आज़म राजस्थान हज़रत अ़ल्लामा मुफ्ती शेर मोहम्मद खान साहब रिज़्वी शैखुल हदीष:दारुल उ़लूम इस्हाक़िया जोधपुर की हुई।आप ने अपने खिताब में फरमाया कि “अगर आप लोग दुनिया व आखिरत की भलाई चाहते हैं तो अपने बच्चों की दीनी व अ़सरी तअ़लीम पर तवज्जोह दें,आपसी इत्तिफाक़ व इत्तिहाद क़ाइम करें,अपने माँ बाप की खिदमत करें,अपने से बड़ों की तअ़ज़ीम व तकरीम करें,ग़रीबों और मुहताजों की मदद करें हासिले कलाम यह कि तअ़लीमाते इस्लाम को अपनाएं।आप से पहले इन हज़रात ने भी खिताब किया। शहज़ादा-ए- मुफ्ती-ए- थर हज़रत मौलाना अ़ब्दुल मुस्तफा साहब नईमी सेड़वा,हज़रत मौलाना अ़य्यूब अ़ली साहब अशरफी अ़ली पुरा हाथमा,हज़रत मौलाना पठान साहब सिकन्दरी,रीवड़ी जैसलमेर-खुसूसी नअ़त व मन्क़बत ख्वानी का शर्फ मद्दाहे रसूल हाफिज़ व क़ारी अ़ताउर्रहमान क़ादरी अनवारी व वासिफे शाहे हुदा हज़रत मौलाना क़ारी मोहम्मद जावेद साहब सिकन्दरी अनवारी ने हासिल किया-निज़ामत के फराइज़ हज़रत मौलाना मोहम्मद हुसैन साहब क़ादरी अनवारी निगराँ शाखहा-ए-दारुल उ़लूम हाज़ा व हज़रत मौलाना अ़लीमुद्दीन साहब क़ादरी अशफाक़ी सुमेरपुर ने मुश्तरका तौर पर अंजाम दिए।उ़र्स की तक़रीबात मे खास तौर पर यह हज़रात शरीक हुए।मुस्लिहे क़ौम व मिल्लत हज़रत अ़ल्लामा मौलाना हाफिज़ अल्लाह बख्श साहब अशरफी बासनी नागौर शरीफ,सय्यद गुलाम शाह बामणोर, सरपंच सय्यद मिठन शाह मटारी, मौलाना मोहम्मद इमरान अशफाक़ी नागौर शरीफ,मौलाना कमालुद्दीन ग़ौषवी,मौलाना सखी मोहम्मद क़ादरी,मौलाना मोहम्मद रमज़ान क़ादरी,मौलाना ग़ुलाम रसूल साहब,मौलाना अ़ली हसन क़ादरी अशफाक़ी ,हाजी अ़ब्दुलगफूर पुर्व राज्यमंत्री,जनाब राणा फक़ीर जैसलमेर,हरीस सिंह सोढा पुर्व विधायक शिव,एडोकेट रूपसिंह राठौर चौहटन,क़िब्ला पीर साहब ने सभी ज़ाइरीने उ़र्स व सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा करने के साथ इस साल के उ़र्से बुखारी में किसी भी तरह से हिस्सा लेने वालों या दारुल उ़लू में अपना तआ़वुन पेश करने वालों का भी शुक्रिया अदा करने के साथ उन की हौसला अफ्ज़ाई भी की और अपनी दुआ़ओं से नवाज़ा,सलातो सलाम और दुआ़ पर यह जल्सा इख्तिताम पज़ीर हिआ।रिपोर्ट:मोहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाहीखादिम:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा पच्छमाई नगर, सेहलाऊ शरीफ,पो: गरडिया,ज़िला:बाड़मेर[राज:]

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